Bageshwar Dham

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Bageshwar Dham सरकार के चमतकारो  की महिमा आज देश-विदेश तक फैली है वहां के पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी द्वारा लोगो के मन की बात जान ली जाती है जी आज जिस तरह बागेश्वर धाम की महिमा चारो ओर फैली है ऐसे में आपके मन में यह सवाल जरूर आते होंगे कि बागेश्वर धाम कहां स्थित है बागेश्वर धाम का इतिहास क्या है कितने वर्ष पुराना है धीरेंद्र जी शास्त्री कैसे जान लेते है मन की बात और क्या है चमत्कार जो लोग यहां जाते ही ठीक हो जाते है। ऐसे कई प्रश्न है जो आपके मन मे आते होंगे तो आइए जानते है बागेश्वर धाम सरकार से जुड़े इन प्रश्नों के बारे मे। सबसे पहले जानते है। बागेश्वर धाम सरकार कहां स्थित है

Bageshwar Dham location

Bageshwar Dham सरकार छतरपुर मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल माना जाता है यहां पर श्री हनुमान जी महाराज का एक पवित्र मंदिर है। श्रद्धालु इन्हें बागेश्वर बालाजी के नाम से जानते है यहां पर जो भी श्रद्धालु आते है उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है सबसे पहले आपको मध्यप्रदेश राज्य के छतरपुर में जाना होगा उसके बाद वहां से 4० किलोमिटर के बाद एक गाव आता है। उस गाव का नाम गड़ा है। वहाँ पर बागेश्वर बालाजी सरकार का पवित्र मंदिर है बागेश्वर धाम का इतिहास क्या है बागेश्वर धाम भवन महान टुकड़ा में स्थित हैलोगों का मानना है कि यह चंदेलकालीन सिद्ध पीठ है अब मंदिर कितने वर्ष पुराना है इस बात का कोई सबूत नही मिलता। यह बागेश्वर धाम धीरे-धीरे चर्चित हो गया भगवान दास जी महाराज पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण जी शास्त्री के दादाजी यह एक अच्छे विद्वान भी थे पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण जी शास्त्री अपने दादाजी को ही अपना गुरु मानते थे उन्होंने ही इन्हें रामायण और भगवत गीता का अध्ययन करना सिखाया था। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री वर्तमान में बागेश्वर धाम सरकार के पंडित है धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी का जन्म 4 जुलाई 1996 में छतरपुर जिले के एक छोटे से गांव गड़ा में हुआ था पंडित धीरेंद्र कृष्ण जी शास्त्रीय बचपन से ही दयालु स्वाभाव के व्यक्ति थे धीरेंद्र शास्त्री का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था उनके पिता का नाम राम कर्पाल गर्ग तथा उनकी माता जी का नाम सरोज गर्ग है

Dhirender Shastri Teacher

उनके दादाजी का नाम भगवान दास गर्ग तथा पंडित श्री धीरेंद्र शास्त्री जी के दादाजी एक अच्छे विद्वान थे पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी ने नौ साल की उम्र से ही बागेश्वर बाला जी सरकार की सेवा करनी शुरू कर दी थी उनसे पहले उनके दादा जी बालाजी सरकार का दरबार चलाया करते थे। मन की बात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी 12 साल की उम्र से ही हनुमान जी महाराज की कृपा से भगवत गीता प्रवचन देने लगे थे और वही बालाजी सरकार के दरबार में ही साधना किया करते थे इसी साधना का उन पर ऐसा असर हुआ कि बाला जी सरकार की कृपा से उन्हें सिद्धियां प्राप्त हुई। और इन्ही सिद्धियों के चलते लोगो के दुखो को दूर करना शुरू कर दिया। लोगो के मन की बात बताना शुरू कर दिया। भगवत कथा का अध्यन करना उन्होंने अपने दादाजी से सीखा था वह अपने दादा जी को अपना गुरु मानते थे अतः धीरेंद्र शास्त्री कहते है कि बालाजी सरकार और हमारे दादा जी की महिमा है जो कि आज उनकी कृपा से लोगो के दुखो को जान लेते है और उनका निवारण करते है बागेश्वर बाला जी की कृपा मुझ पर हमेशा बनी रही 13 वर्ष की अवस्था में जब हम पहुंच गई तो उस वक्त हमारा अनुभव बढ़ने लगा था पूज्य दादा गुरु हमें कुछ विशेष विधियां संभालने लगे थे उनका प्रारंभिक जीवन भीषणतम गरीबी के बीच व्यतीत हुआ एक कमरे में पांच लोगो का उनका पूरा परिवार गुजर-बसर करता था कर्मकांडी ब्राम्हण परिवार होने के कारण पूरे परिवार की जीविका पूजा और अनुष्ठान कराने के बाद मिलने वाली दक्षिणा पर ही निर्भर करती थी तो दक्षिणा की खोज में पैसो की चाहे में कि हम भी अच्छा भोजन पावे अच्छे वस्त्र पहने और भगवत कृपा को प्राप्त होवे। तब वे अपने दादा गुरु के पास गये। दादा गुरु ने उन्हे सहारा दिया। उस समय एक तरफ भीषण गरीबी दूसरी तरफ कोमल आयु में ही परिवार के भरण-पोषण का भार ऐसा प्रतीत होता है

Where God Power comes

Bageshwar Dham  दादा गुरु के पास जाकर कहा कि घर की स्थिति बहुत खराब है। आप कुछ मदत कर दो। दादा गुरु ने कहा कि तुम शाम के समय आना फिर धीरेंद्र शास्त्री शाम के समय दादा जी के पास गये। तो दादा जी ने उनका हाथ पकड़ा और मंदिर की और ले गया रात सी हो रही थी तभी आसमान से एक भयानक आवाज आई मै उस आवाज को सुनकर डर गया था बहुत डरावनी आवाज थी।

दादा गुरु बीले कि तुम कहो ” आज से हम तुम्हारे और तुम्ह हमारे ” यह कहने के बाद धीरेंद्र शास्त्री अपने घर चले आए। धीरे-धीरे दादा गुरु के आशिर्वाद से दरबार चालू किया और कभी पिछे मुड कर नही देखा। आज भारत ही नही बल्कि विदेशो मे भी शिवर लगाए जाते है। लोगो के दुख और उनके कष्टों को समाप्त किया जा रहा है। और गुरु का नाम लेकर कि सद्गुरु सन्यासी बाबा बागेश्वर बालाजी की साधना के मध्य से लोग कल्याण के कार्य किये जा रहे है।

Conclusion of topic

कहा जाता है धीरेंद्र शास्त्री हनुमान जी की भक्ति बचपन में किया करते थे बचपन से ही धीरेंद्र शास्त्री जी भगवत गीता और अन्य ग्रंथ का अध्ययन करते थे दादा गुरु की कृपा से उन्हें हनुमान जी की सिद्धि प्राप्त हुई और बालाजी के आशीर्वाद से आज पूरे विश्व में धीरेंद्र शास्त्री जी को बहुत माना जाता है वह मन की बात को पढ़ लेते है उन्हें यह सब हनुमान जी की आज्ञा से पता चलता है आप भी मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित गड़ा गांव में जाकर बालाजी सरकार के मंदिर के दर्शन कर सकते है। और बालाजी सरकार हनुमान जी का आशिर्वाद प्राप्त कर सकते है। यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पर आप हमे अपनी राय Comment Box मे दे सकते है। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो आप इसे अपने दोस्तो और परिवार को शेयर कर सकते है ताकि वे भी श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जीवन गाथा और बागेश्वर बालाजी के मंदिर के बारे मे जान सके।


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