Ratan Tata | Ratan Tata Biography | Age

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Ratan Tata | Ratan Tata Biography | Age

‌आज के समय मे Ratan Tata जी 87 साल के हो गए है। आज भी Ratan Tata जी 15 घण्टे काम करते है।  गौर से देखा जाए तो आज टाटा फैमिली नहीं होती तो इस देश में कुछ भी नहीं होता इस फैमिली ने देश के लिए जो किया है वह ना कोई कर सकता है ना कभी जीवन में कर पाएगा जब देश को इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए स्टील की जरूरत थी

तो देश में पहला स्टील का प्लांट लगाने वाली कंपनी टाटा जब आईटी का दौर चला तो सबसे पहले आईटी कंपनी इंडिया की टाटा है। इंडिया में जब एजुकेशन नहीं थी उस समय एजुकेशन देने के लिए रिसर्च इंस्टिट्यूट खोला। टाटा ने देश में सबसे पहले कैंसर हॉस्पिटल बनाएं। टाटा देश का सबसे पहला होटल उस जमाने में जब होटल के बाहर लिखा होता था। Dog And Indian are not Allowed.

उस समय देश का सबसे भव्य होटल बनाने वाला ग्रुप टाटा था। आजादी आंदोलन में दान देने वाले टाटा और हड़प्पा मोहनजोदड़ो की खुदाई में भी सहयोग देने वाले टाटा भारत देश के इतिहास में जितनी भी महत्वपूर्ण डेट थी। और जितने भी महत्वपूर्ण इवेंट है वहां पर आपको टाटा ग्रुप और टाटा फैमिली खड़ी नजर आएगी। टाटा ग्रुप इतना बड़ा है जिसकी 100 से ज्यादा कंपनी है। और इनमें से 29 कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड है। टाटा ग्रुप का टोटल मार्केट 311 बिलियन का है।

और यह टोटल बीएससी के मार्केट कैप का 9% अकेला है यानी बीएससी पर टोटल 5200 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है और उनमें से टाटा ग्रुप की 29 कंपनियां मिलकर ही 9% अकेला रखती है। सोचो टाटा की पावर टाटा ग्रुप तीसरा सबसे बड़ा देश का job Creater है। पहले नंबर पर आर्मी मे सबसे ज्यादा लोग हैं सेकंड नंबर पर रेलवे में और थर्ड नंबर पर टाटा ग्रुप में सबसे ज्यादा एम्पलाई है। टोटल ₹ 9,35,000 एम्पलाई टाटा मे काम करते है। अदानी ग्रुप को मिला लो अंबानी ग्रुप को मिला लो आदित्य बिरला ग्रुप को मिला लो एसबीआई को मिला लो और एचडीएफसी को मिला कर टाटा ग्रुप का टोटल टर्नओवर साल 2022- 23 मे 10 लाख करोड़ से भी ज्यादा था। आपको लग रहा होगा टाटा का इतना बड़ा काम है तो यह भरत की टॉप कंपनी क्यू नही है। टाटा 60% अपनी कमाई का दान करती है। टाटा का 67% रेवेन्यू इंडिया के बाहर से आता है। इंडिया के बाहर डेढ़ सौ से ज्यादा country में टाटा के प्रोडक्ट सर्विस दी जाती है। और 100 से ज्यादा देशों में Ratan Tata के ऑफिस है।

Ratan Tata | Ratan Tata Biography | Age
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2018 में टाटा ग्रुप ने जो टैक्स दिया था वह टोटल इंडिया के टैक्स कलेक्शन का जितना असम , गोवा , हिमाचल , उड़ीसा के सरकार ने पूरे साल में इकट्ठा किया था उससे ज्यादा अकेले टाटा ग्रुप ने दिया। इतना बड़ा ग्रुप होने के बावजूद भी इसका अध्यक्ष कभी भी Ratan Tata  दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति नहीं बना क्यों नहीं बना सोचो क्योंकि रिलायंस अगर इतनी बड़ी है तो उसका मालिक इंडिया का सबसे अमीर के नाम मे आता है। यह जितना भी पैसा कमाया जा रहा है जितना भी पूरा ग्रुप है इसकी ओनरशिप टाटा ट्रस्ट के पास है।

कंपनी के नाम पर 23 परसेंट है। रतन टाटा के नाम पर 4% है जे आरडी टाटा ट्रस्ट के नाम पर कुल मिलाकर  चैरिटी में खर्च कर देगी  इसका मतलब यह जितना भी पैसा कमा रहे हैं इसका उद्देश्य घर भरना नहीं है इसका उद्देश्य समाज के लिए लगाना क्योंकि अगर गौर से देखा जाए तो फिर टाटा फैमिली नहीं होती तो इस देश में कुछ भी नहीं होता इस फैमिली ने देश के लिए जो किया है वह ना कोई कर सकता है ना कभी जीवन में कर पाएगा जब देश को इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए स्टील की जरूरत थी तो देश में पहला स्टील का प्लांट लगाने वाली कंपनी टाटा जब आईटी का दौर चला तो सबसे पहले IT कंपनी इंडिया की टाटा इंडिया में जब एजुकेशन नहीं थी उसे समय एजुकेशन देने के लिए रिसर्च करने के लिए जो इंस्टिट्यूट खोल सबसे पहले टाटा देश में सबसे पहले कैंसर हॉस्पिटल टाटा देश का सबसे पहले होटल उसे जमाने में जब होटल के बाहर लिखा था डॉग्स एंड इंडियंस अरे नॉट अलाउड

Ratan Tata गोपाल कृष्ण गोखले की आजादी आंदोलन में दान देने वाले टाटा और हड़प्पा मोहनजोदड़ो की खुदाई में भी सहयोग देने वाले टाटा भारत देश के इतिहास में जितनी भी महत्वपूर्ण डेट और जितने भी महत्वपूर्ण इवेंट है वहां पर आपको टाटा ग्रुप और टाटा फैमिली खंडी नजर आएगी दुनिया काम के तो चैरिटी बहुत लोग करते हैं जो चैरिटी करने के लिए कमाऐ उसे कहते हैं टाटा ग्रुप इतना बड़ा है किसकी 100 से ज्यादा डिफरेंट कंपनियां काम करनी है और इनमें से 29 कंपनियां शेयर बाजार में ऑलरेडी लिस्टेड है टाटा ग्रुप का टोटल मार्केट क्या है

311 बिलियन और यह टोटल बीएससी के जो मार्केट कैप है उसका 9% अकेला है यानी बीएससी पर टोटल 5200 से ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है और उनमें से टाटा ग्रुप की 29 कंपनियां मिलकर ही 9% अकेला रखती है सोचो टाटा की पावर टाटा ग्रुप तीसरा सबसे बड़ा देश का एंपलॉयर है पहले नंबर पर आर्मी में सबसे ज्यादा लोग हैं सेकंड नंबर पर रेलवे में और थर्ड नंबर पर टाटा ग्रुप में सबसे ज्यादा एम्पलाई है टोटल ₹935000 एम्पलाई  हैं अदानी ग्रुप को मिला लो अंबानी ग्रुप को मिला लो आदित्य बिरला ग्रुप को मिला लो एसबीआई को मिला लो और एचडीएफसी को मिला लो  टाटा ग्रुप  के साल  2021-22 में टोटल जो  टर्नओवर था वह 10 लाख करोड़ से भी ज्यादा था

आपको लग रहा  टाटा का इतना बड़ा काम है इंडिया में  इसका 67%  रेवेन्यू इंडिया के बाहर से आता है  इंडिया के बाहर डेढ़ सौ से ज्यादा कंट्रीज में टाटा के प्रोडक्ट सर्विस मिलते हैं और 100 से ज्यादा देशों में टाटा के ऑफिस है एम्पलाइज  काम कर रहा है 2018 का इंटरेस्टिंग डाटा शेयर करता हूं 2018 में टाटा ग्रुप में जो टैक्स दिया था वह टोटल इंडिया के टैक्स कलेक्शन का 2.15 परसेंट अकेले था टोटल टैक्स दिया था  ₹47195 करोड़ हैं

जितना असम ,गोवा हिमाचल , उड़ीसा  सरकार ने पूरे साल में इकट्ठा किया था उससे ज्यादा अकेले टाटा ग्रुप ने दिया था  और इसी बात पर टाटा से ना आपको और मुझे प्यार है  इतना बड़ा टर्नओवर होने के बाद और इतना बड़ा ग्रुप होने के बावजूद भी इसका अध्यक्ष कभी भी  इंडिया का सबसे अमीर व्यक्ति नहीं बना क्यों नहीं बना सोचो क्योंकि रिलायंस अगर इतनी बड़ी है तो उसका मालिक इंडिया का सबसे अमीर व्यक्तियों में आता है अदानी ग्रुप बड़ा हो रहा है  उधर अमेजॉन बड़ी होती है तो जब बिजनेस का नाम आता है

क्योंकि इन्होंने कहा यह जितना भी पैसा कमाया जा रहा है जितना भी पूरा ग्रुप है इसकी ओनरशिप है  टाटा फैमिली नहीं इनकी कोई एक कंपनी नहीं इनके सबसे बड़े शेरहोल्डर है इनकी ट्रस्ट 28% शेर है ट्रस्ट के नाम पर 23 परसेंट है सर रतन टाटा ट्रस्ट के नाम पर फिर 4% है टाटा का उद्देश्य घर भरना नहीं है इनका उद्देश्य समाज के लिए कार्य करना था। रतन टाटा ने अपने 21 साल के कार्यकाल में कंपनी को उस शिखर पर पहुंचा दिया जहां जाने के लोग सपने देखते हैं कंपनी की वैल्यू 50 गुना बढ़ा दी लिए अब हम लोग सबसे चर्चित रतन टाटा की कहानी के बारे में पढ़ते है।


इस कहानी की शुरुआत हुई थी साल 1998 में उसे समय टाटा मोटर ने अपनी पहली पैसेंजर कार इंडिका बाजार में उतरी थी यह रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता था लेकिन रतन टाटा ने जो सोचा था वैसा नहीं हुआ टाटा मोटर्स घाटे में जाने लगी आलम यह आ गया। कि उन्होंने पहली बार कंपनी को बेचने का फैसला किया वह कंपनी बचने के लिए अमेरिका की कंपनी फोर्ड के पास गए उस समय रतन टाटा और फोर्ट कंपनी के मालिक बिल्फोर्ट के बीच घंटे तक मीटिंग हुई रतन टाटा की हालत को देखकर बिल्फोर्ड ने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया

फोर्ड एक बार रतन टाटा की हालत को देखकर बिल्फोर्ड ने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया फोर्ड ने यहां तक कह दिया कि जिस कारोबार के बारे में आपको जानकारी नहीं उसमें इतना पैसा क्यों लगा दिया आखिर में तो फोड़ ने हद ही कर दी और यह कह दिया कि कंपनी खरीद कर हम आप पर एहसान कर रहे है। यह आखिरी शब्द सुनकर रतन टाटा वहां से बाहर निकल आए और कंपनी बचने के फैसले को कैंसिल कर दिया उन्होंने डील भी खत्म कर दी उन्होंने एक रिसर्च टीम तैयार की जिसका काम था मार्केट में क्या चल रहा है और लोग क्या चाहते है वह पता लगाना फिर से उन्होंने टाटा इंडिका लॉन्च की और इसने सफलता की नई बुलंदियों को छू लिया और फिर रतन टाटा लगातार आगे बढ़ते रहे।

और वही फोर्ड कंपनी का पतन शुरू हो गया साल 2008 तक आते-आते फोर्ड कंपनी दिवालिया होने पर आ गई। फोर्ड कंपनी के मालिक को कंपनी रतन टाटा को बेचनी पड़ी थी। रतन टाटा इतने महान अगर हम टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों की मार्केट वैल्यू की बात करें तो एक अनुमान के हिसाब से जितनी उनकी कंपनियां है उनकी मार्केट वैल्यू 17 लाख करोड रुपए होगी एक रिपोर्ट के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 117 बिलियन डॉलर यानी कि करीबन 8.25 लाख करोड़ है रतन टाटा इसमें से 65% पैसा लोगों की मदद करने के लिए दान देते हैं यही कारण है कि वह दुनिया के अमीर व्यक्तियों में शामिल नहीं है लेकिन लोग उन्हें दिल का बहुत अमीर मानते है इसी के साथ हम इस आर्टिकल को यहीं समाप्त करते है। आप को जानकारी कैसी लगी आप हमे कॉमेंट बॉक्स 🎁 मे बता सकते है।


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